Himachal Scholarship Scam Bribery: हिमाचल प्रदेश के बहुचर्चित 181 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़े एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक विशाल दीप सिंह पर शैक्षणिक संस्थानों से 25 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों ने आरोप लगाया कि नवंबर में निदेशक पद संभालने के बाद विशाल दीप सिंह ने 29 संस्थानों को बार-बार ईडी कार्यालय बुलाकर गिरफ्तारी का डर दिखाया और रिश्वत की मांग की।
मालिकों की शिकायत पर सीबीआई ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत के 55 लाख रुपए बरामद किए। आरोपी विशाल दीप सिंह और उसके भाई विकास दीप सिंह ने जीरकपुर और पंचकूला में दो अलग-अलग जगहों पर यह रकम इकट्ठा की। हालांकि, सीबीआई के जाल बिछाने के बावजूद आरोपी फरार हो गया। विशाल दीप सिंह को ईडी ने अब निलंबित कर दिया है।
शैक्षणिक संस्थानों के मालिकों ने एक पत्रकार वार्ता में बताया कि ईडी के अधिकारियों की मनमानी से वे इतना तंग आ गए थे कि आत्महत्या करने की नौबत आ गई थी। आरोप है कि ईडी के दो अन्य अधिकारियों, नीरज गर्ग और सुनील कुमार, ने भी रिश्वत मांगने में मुख्य आरोपी का साथ दिया।
हिमाचल में 2013 से 2017 के बीच हुए 181 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले की जांच पहले से ही सीबीआई कर रही है। यह मामला एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए केंद्र सरकार की छात्रवृत्ति योजना के दुरुपयोग से जुड़ा हुआ है। इसमें 27 संस्थानों के नाम सामने आए हैं, जिनमें से 19 हिमाचल और 8 अन्य राज्यों के हैं।
सीबीआई ने पहले भी आईटीएफटी न्यू चंडीगढ़, कालाअंब स्थित हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट और अन्य संस्थानों के मालिकों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इसके अलावा, ईडी ने पंजाब के एक संस्थान की 4.50 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी।